बाल विकास की अवधारणा ( Concept of Child Development )
बाल विकास ( अधिगमकर्ता का विकास )
कॉमेडियन - 1628 ई. में बाल बाड़ी स्कूल की स्थापना की (स्कूल ऑफ इनफैंसी )
- 1657 ई. - चित्रित पुस्तकें बनाई
पेस्टोलोजी (जर्मनी के विद्वान) - इन्होनें 1774 ई. में अपने ही साढ़े 3 वर्षीय पुत्र का अध्ययन किया और उसके विकास को समझते हुए BABY BIOGRAPHY नामक लेख लिखा।
नोट :- सर्वप्रथम बालक के विकास को लेकर जो विचार पेस्टोलोजी के द्वारा BABY BIOGRAPHY के माध्यम से आगे बढ़ा, उसी के परिणामस्वरूप बाल मनोविज्ञान का जन्म हुआ, इसलिए पेस्टोलोजी को बाल मनोविज्ञान का जनक कहते हैं।
➡️ पैथोलॉजी के लेख को जर्मनी के ही बाल रोग विशेषज्ञ ने पढ़ा और समझा तथा उसके आधार पर बाल चिकित्सा मनोविज्ञान की विचारधारा का विकास किया।
➡️ यह विशेषज्ञ टाइडमेन थे।
➡️ 19वीं सदी में श्रीमति हरलॉक ने विचार दिया कि एक बालक का विकास गर्भकाल से ही प्रारंभ हो जाता है।
जब हम बालक के विकास का अध्ययन जन्म के बाद की अवस्थाओं को लेकर करते हैं, तो यह बाल - मनोविज्ञान कहलाता है ,परंतु यदि जन्म पूर्व गर्भावस्था से अध्ययन की शुरुआत करते हैं तो बाल विकास होता है।
विद्वानों के अनुसार बाल विकास की परिभाषाएँ -
वर्क - जन्म पूर्व की अवस्था से लेकर परिपक्वता की अवस्था तक का अध्ययन बाल विकास होता है ।
क्रो एंड क्रो - गर्भावस्था से लेकर जन्म के बाद किशोरावस्था तक का अध्ययन ही बाल विकास है।
अमेरिकी विद्वान स्टेनली हॉल ने 1893 ई. में अमेरिका से बाल विकास आंदोलन की शुरुआत की। इसलिए इन्हें बाल विकास आंदोलन का जनक कहा जाता है।
➡️ बाल मनोविज्ञान का जनक पेस्टोलोजी को माना जाता है
➡️ बाल विकास आंदोलन का जनक स्टेनली हॉल को माना जाता है
भारत देश में बाल मनोविज्ञान/बाल विकास के अध्ययन की शुरुआत 1930 ई. में हुई।
एक बालक के विकास में किसका योगदान होता है- "वंश क्रम एवं वातावरण का"
वुडवर्थ के अनुसार :- एक बालक के विकास में उसके वंश क्रम एवं वातावरण की भूमिका होती है।
वुडवर्थ के अनुसार:- विकास = वंशक्रम ✖️ वातावरण
वुडवर्थ का मानना है कि एक बालक का विकास उसके वंशक्रम एवं वातावरण का गुणनफल होता है।
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