मानव रक्त पर आधारित जीव विज्ञान
नमस्कार दोस्तों,स्वागत है, आपका एक और नयी पोस्ट मैं,हम इस पोस्ट मैं आपके लिए मानव रक्त से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं।इस पोस्ट को आप अच्छे से पूरा पड़ लीजिये आने बाली आगामी परीक्षाओं मैं आपको इसमें से बहुत सरे प्रश्न देखने को मिलेंगे और आप इनका आसानी से उत्तर दे पाएंगे।हम आपके लिए बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आते रहते हैं हमारे वेबसाइट के माध्यम से आप हमारी वेबसाइट को बुकमार्क कर लीजिये। जिससे की हमारे द्वारा पोस्ट की जाने बाली सभी पोस्ट का नोटिफिकेशन आपको मिल जाये और आप पोस्ट को आसानी से पढ पाएंगे।दोस्तों आप हमरी वेबसाइट को पूरा विजिट कीजिये आपको लगभग सभी टॉपिक्स की पीडीऍफ़ मिल जाएँगी आप इनको फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
➤मानव रक्त
• मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के कुल भार का 7% है।
• यह क्षारीय विलयन है जिसका pH मान 7.4 होता है।
• मानव शरीर में औसतन 5-6 लीटर रक्त पाया जाता है।
रक्त के दो भाग होते हैं:
(1) प्लाज्मा,
(2) रक्त कणिकाएं
(1) प्लाज्मा
• यह रक्त का तरल भाग है। रक्त का 60% भाग प्लाज्मा होता है। इसका 90% भाग जल, 7% प्रोटीन, 0.9% लवण और 0.1% ग्लूकोज होता है। शेष अन्य पदार्थ काफी कम मात्रा में उपस्थित होते हैं।
• प्लाज्मा के कार्य – शरीर से पचे भोजन, हार्मोन, उत्सर्जी पदार्थों आदि का परिवहन प्लाज्मा के माध्यम से होता है।
• सेरम – प्लाज्मा से फाइब्रिनोजन एवं प्रोटीन को निकाल देने पर शेष बचे भाग को सेरम कहते हैं।
(2) रक्त कणिकाएं (रक्त का 40% भाग)
इसको तीन भागों में बांटा जाता है:
1. लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी)
• इसमें नाभिक का अभाव होता है। अपवाद – ऊँट और लामा।
• आरबीसी का निर्माण अस्थि मज्जा में होता है। (भ्रूण अवस्था में इसका निर्माण यकृत में होता है।)
• इसका जीवनकाल 20 से 120 दिन होता है।
• इसका विनाश प्लीहा में होता है। इसलिये प्लीहा को आरबीसी की कब्रगाह कहते हैं।
• इसमें हीमोग्लोबिन पाया जाता है, जिसमें लौह युक्त हीम नामक यौगिक पाया जाता है, इसके कारण रक्त का रंग लाल होता है।
• आरबीसी का मुख्य कार्य सभी कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुँचाकर उससे कार्बनडाईआक्साइड वापस लाना होता है।
• एनिमिया रोग का कारण हीमोग्लोबिन की कमी है।
• सोते समय आरबीसी में 5% की कमी हो जाती है और 4200 मीटर की ऊँचाई पर रहने वाले लोगो के आरबीसी में 30% की वृद्धि हो जाती है।
2. श्वेत रक्त कणिकाएं (डबल्यूबीसी) अथवा ल्यूसोसाइट्स
• इसका निर्माण अस्थि मज्जा, लिम्फ नोड और कभी-कभी यकृत और प्लीहा में होता है।
• इसका जीवन काल 5 से 20 दिन होता है।
• श्वेत रक्त कणिकाओं में नाभिक पाया जाता है।
• इसका मुख्य कार्य शरीर की रोगो से रक्षा करना है।
• आरबीसी और डबल्यूबीसी का अनुपात 600:1 है।
3. रक्त बिम्बाणु अथवा थ्रोम्बोसाइट्स:
• यह केवल मानव एवं अन्य स्तनधारियों के रक्त में पाया जाता है।
• इसमें नाभिक का अभाव होता है।
• इसका निर्माण अस्थि मज्जा में होता है।
• इसका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है।
• इसकी मृत्यु प्लीहा में होती है।
• इसका मुख्य कार्य रक्त का थक्का बनने में मदद करना है।
➤रक्त का कार्य:
• शरीर के तापमान को नियंत्रित करना और शरीर की रोगों से रक्षा करना आदि।
• ऑक्सीजन, कार्बनडाई आक्साइड, पचे भोजन का परिवहन, हार्मोन का संवहन आदि।
• शरीर के विभिन्न भागों के मध्य समन्वय स्थापित करना।
➤रक्त का थक्का बनाना:
• क्लॉटिंग के दौरान निम्नलिखित प्रतिक्रियाएं होती हैं-
(ए) थ्रोम्बोप्लास्टिन + प्रोथ्रोबिन + कैल्शियम = थ्रोम्बिन
(बी) थ्रोम्बिन + फाइब्रिनोजन = फाइब्रिन
(सी) फाइब्रिन + रक्त काष्ठक = थक्का
• विटामिन K रक्त के थक्के में मददगार है।
मानव रक्त समूह
• रक्तसमूह की खोज कार्ल लैनस्टीनर ने 1900 में की थी।
• इसके लिये उन्हें वर्ष 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
• मानव रक्त समूहों में विभिन्नता का मुख्य कारण ग्लाइको प्रोटीन है जो लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है। इसे एण्टीजन कहते हैं। एण्टीजन दो प्रकार के होते हैं – एण्टीजन A और एण्टीजन B
• एण्टीजन अथवा ग्लाइको प्रोटीन की उपस्थिति के आधार पर, मानव में चार रक्त समूह पाये जाते हैं:
• जिसमें एण्टीजन A पाया जाता है – रक्त समूह A
• जिसमें एण्टीजन B पाया जाता है – रक्त समूह B
• जिसमें एण्टीजन A और B पाया जाता है – रक्त समूह AB
• जिसमें कोई भी एण्टीजन नहीं पाया जाता है – रक्त समूह O
• रक्त के प्लाज्मा में एक विपरीत प्रकार की प्रोटीन पायी जाती है। इसे एण्टीबॉडी कहते हैं। यह भी दो प्रकार की होती है – एण्टीबॉडी a और एण्टीबॉडी b.
• रक्त समूह O को सर्वदाता समूह कहा जाता है क्योंकि इसमें कोई भी एण्टीजन नहीं होता है।
• रक्त समूह AB को सर्वग्राही समूह कहते हैं क्योंकि इसमें कोई भी एण्टीबॉडी नहीं होता है।
यह भी पढ़ें -क्लिक करे
कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया करना चाहे तुम्हारे जैसा।
यदि आप परीक्षा से सम्बन्धी कोई भी प्रश्न पूछना चाहे तो बेझिझक Comment Box में अपना प्रश्न पूछे। हम आपको अवश्य ही उसका उत्तर देंगे। धन्यवाद मित्रो ! ।