Unique Study Point: MADHYA PRADESH GK.
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नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर इस पोस्ट में हम आपके लिए मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान  के महत्वपूर्ण टॉपिक लेकर आये हैं जो बहुत ही सरल और सटीक भाषा में हैं  । दोस्तों आप इन सभी टॉपिक्स को पड़ लीजिये । आप नीचे दी हुई लिंक पर क्लिक करके इनको पड़ सकते  हैं। ये आने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं दोस्तों, हम एक-एक करके सभी स्टेट का सामान्य ज्ञान  इस पोस्ट में जोड़ेगें। तो आप इस पोस्ट को  बुकमार्क पर सेव कर लीजिये और हमारी वेबसाइट पर विजिट रहिये 


























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 मध्य प्रदेश की प्रमुख परियोजनाएं निम्नलिखित है

चम्बल घाटी परियोजना

मध्य प्रदेश में चम्बल नदी घाटी परियोजना को तीन चरणों में बनाया गया है इसके पहले चरण में गांधी सागर बाँध , दूसरे चरण में राणा प्रताप सागर बाँध व तीसरे व अंतिम चरण में जवाहर सागर बाँध बनाया गया है

  1. गांधी सागर बाँध – यह बाँध मध्य प्रदेश के चौरासीगढ़ नामक स्थान से 8 किमी की दूरी पर स्थित है इसका निर्माण 1960 में किया गया गांधी सागर बाँध की कुल ऊंचाई 62 मीटर है व बाँध के जलाशय का क्षेत्रफल 51 वर्ग किमी. है
  2. राणा प्रताप सागर बाँध – यह बाँध चम्बल नदी पर गांधी सागर बाँध से 48 किमी. की दूरी  पर बनाया गया है इसकी कुल ऊंचाई 54 मीटर व इसके जलाशय का क्षेत्रफल 1440 वर्ग किमी.  है
  3. जवाहर सागर बाँध – यह बाँध चम्बल नदी पर राणा प्रताप बाँध से 33 किमी. आगे बनाया गया है इसकी कुल ऊंचाई 25 मीटर है 

इंदिरा सागर परियोजना

इंदिरा सागर परियोजना मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर स्थित निर्माणाधीन परियोजना है इसका शिलान्यास 23 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा किया गया 

तवा परियोजना

तवा परियोजना मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में नर्मदा की सहायक नदी तवा नदी पर स्थित है इस बाँध की ऊंचाई लगभग 32 मीटर है 

बाणसागर परियोजना

बाणसागर परियोजना मध्य प्रदेश, बिहार व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है जो सोन नदी पर बनायीं गयी है इसके अंतर्गत 63 मीटर ऊंचा व 1627 मीटर लम्बा बाँध का निर्माण किया जा रहा है इस परियोजना की विधुत उत्पादन क्षमता लगभग 450 मेगावाट है 

माही परियोजना

माहि परियोजना मध्य प्रदेश के धार जिले में माही नदी पर बनायो गयी है इस नदी पर बनाये गए बाँध की ऊंचाई 42 मीटर व लम्बाई 3100 मीटर है 

सुक्ता परियोजना

यह परियोजना मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में सुक्ता नदी पर स्थित है

थांवर परियोजना

थांवर परियोजना मध्य प्रदेश के मंडला जिले में थांवर नदी पर स्थित है 

रानी अवन्ती बाई सागर परियोजना

रानी अवंती बाई सागर परियोजना मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में बार्गी नदी पर स्थित है इस परियोजना के अंतर्गत बनाये गए बाँध की ऊंचाई 69 मीटर व लम्बाई 4500 मीटर है 

राजघाट परियोजना

राजघाट परियोजना उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की संयुक्त परिजोजना है जो बेतवा नदी पर बनायीं गयी है इसके अंतर्गत 44 मीटर ऊंचा व 562 मीटर लम्बे बाँध का  निर्माण किया गया है 

उर्मिल परियोजना

उर्मिल परियोजना मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है जो उर्मिल नदी पर बनायीं जा रही है इसके अंतर्गत 18.34 मीटर ऊंचा व 4.7 किमी. लम्बे बाँध का निर्माण किया गया है 

कोलार परियोजना

कोलार परियोजना मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में नर्मदा की सहायक नदी कोलार नदी पर स्थित है 

पेंच परियोजना

पेंच परियोजना मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है जो  पेंच नदी पर स्थित है


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मध्य प्रदेश में यातायात के साधनों में रेल व सड़क मार्ग प्रमुख है 

मध्य प्रदेश के सड़क मार्ग 

मध्य प्रदेश में रेल मार्ग की अपेक्षा सडको का उपयोग यातायात में अधिक होता है राज्य में सडको की कुल लम्बाई लगभग 62000 किमी है जिनमे राष्ट्रीय राजमार्गो की लम्बाई 4885 किमी व राज्य के राजमार्गो की कुल लम्बाई 10859 किमी  है 

मध्य प्रदेश से गुजरने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग 

  • मार्ग  –  राष्ट्रीय राजमार्ग – संख्या 
  • आगरा- ग्वालिअर- शिवपुरी –  3
  • वाराणसी- मंगवा- रीवा – 7
  • जबलपुर-भोपाल-खिलचीपुर – 12
  • जबलपुर – मंडला – चिल्पी   – 12-A
  • लखनऊ – झांसी – शिवपुरी – 25
  • झांसी – लखनादौन    – 26
  • इलाहाबाद – झगवा  – 27
  • गोधरा – धार – इंदौर – 59
  • इंदौर – बैतूल – 59A
  • नागपुर – औबेदुल्लागंज – 69
  • ग्वालिअर- झांसी – पन्ना – सतना – 75
  • उदयपुर – कोटा – शिवपुरी – झांसी  – 76
  • कटनी – अंबिकापुर – 78
  • अजमेर – नीमच – मंदसौर – रतलाम – 79
  • कानपुर – सागर – छतरपुर – 86
  • देवास – भोपाल – विदिशा – सागर – 86 A
  • इटावा – ग्वालिअर – 92

मध्य प्रदेश के रेलमार्ग 

मध्य प्रदेश में रेलमार्गों की कुल लम्बाई 5916 किलोमीटर है मध्य प्रदेश रेल सेवा आयोग का मुख्यालय भोपाल में है 

मध्य प्रदेश की प्रमुख रेलगाड़ियाँ 

  • रेलगाड़ी      –         कहाँ से कहाँ तक 
  • शताब्दी एक्सप्रेस  –  इंदौर से नई दिल्ली 
  • मालवा एक्सप्रेस  –  भोपाल से नई दिल्ली 
  • ताज एक्सप्रेस  –  ग्वालिअर से नई दिल्ली 
  • महाकौशल एक्सप्रेस  –   जबलपुर से नई दिल्ली 
  • छिप्रा एक्सप्रेस   – इंदौर से हावड़ा 
  • चम्बल एक्सप्रेस  – ग्वालिअर से हावड़ा 
  • उज्जैनी एक्सप्रेस  –   उज्जैन से देहरादून
  • महानदी एक्सप्रेस  –   भोपाल से विलासपुर 
  • अमरकंटक एक्सप्रेस  –   भोपाल से दुर्ग 
  • अहिल्या नगरी एक्सप्रेस  –  इंदौर से कोचीन 
  • अवंतिका एक्सप्रेस  –     इंदौर से मुंबई 
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस  –  ग्वालिअर से वाराणसी 
  • चित्रकूट एक्सप्रेस  –      जबलपुर  से लखनऊ 

मध्य प्रदेश के वायु मार्ग 

मध्य प्रदेश में पांच प्रमुख हवाई अड्डे भोपाल , इंदौर , जबलपुर, खजुराहो और ग्वालिअर में है

 


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 प्रमुख मंदिर व उनकी स्थिति

  1. पशुपतिनाथ मंदिर – अमरकन्ठक
  2. चौंसठ योगिनी मंदिर – खजुराहो 
  3. कंदरिया महादेव मंदिर – खजुराहो 
  4. चित्रगुप्त मंदिर – खजुराहो 
  5. मंगतेश्वर मंदिर – खजुराहो 
  6. वाराह मंदिर – खजुराहो 
  7. पार्वती मंदिर – खजुराहो 
  8. देवी जगदम्बा मंदिर – खजुराहो 
  9. घंटइ मंदिर – खजुराहो 
  10. लक्ष्मण मंदिर – खजुराहो 
  11. पार्श्र्व नाथ मंदिर – खजुराहो
  12. महादेव मंदिर – ओंकारेश्वर 
  13. गोपाल मंदिर – उज्जैन 
  14. लक्ष्मी नारायण मंदिर – भोपाल 
  15. महाकाल मंदिर – उज्जैन 
  16. गीता भवन – उज्जैन 
  17. कांच मंदिर – इंदौर 
  18. माई का मंदिर – अमरकन्ठक
  19. मुक्तागिरी मंदिर – मुक्तागिरी 
  20. नीलकंठ महादेव मंदिर – मांडू 

प्रमुख मस्जिद व उनकी स्थिति 

  1. कमाल मौला मस्जिद – धार 
  2. लाट मस्जिद – धार 
  3. दिलावर खां मस्जिद – मांडू 
  4. मालिक मुगीस मस्जिद – मांडू 
  5. जामी मस्जिद – मांडू 
  6. ताज ताबुक मस्जिद – भोपाल

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मध्य प्रदेश के प्रमुख किले 

धार का किला

यह किला मध्य प्रदेश के धार जिले में एक पहाड़ी पर स्थित है इस किले का पुनर्निर्माण मोहम्मद तुगलग ने सन 1344 में कराया था इस किले के भीतर ही पेशवा बाजीराव का जन्म स्थान है और इस किले के पास में हजरत मकबूल की कब्र है इस किले के भीतर खरभुजा महल भी प्रमुख स्थान है

चंदेरी का किला

बेतवा नदी पर स्थित चंदेरी के किले का निर्माण प्रतिहार राजा कीर्तिपाल ने 11वीं सदी में करवाया था इस किले में नौखंडा महल , हवा महल , जौहर कुण्ड प्रमुख स्थान है

असीरगढ़ का किला

इस किले का निर्माण आसा नाम के एक अहीर राजा ने करवाया था इस किले के भीतर आशा देवी मंदिर भी है

रायसेन का किला

रायसेन के किले का निर्माण 16वीं सदी में राजा राजबसंती द्वारा कराया गया जो भोपाल से 40 किमी की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित है

ओरछा का किला

यह किला मध्य प्रदेश ओरछा नामक स्थान पर स्थित है इसका निर्माण बुन्देल राजाओं ने करवाया था

अजयगढ़ का किला

अजय्गाढ़ का किला मध्य प्रदेश में पन्ना से 34 किमी की दूरी पर स्थित अजयगढ़ नामक स्थान पर स्थित है जिसका निर्माण अजयपाल ने कराया था

मंदसौर का किला

यह किला मध्य प्रदेश के मंदसौर नगर के पूर्व में स्थित है इसका निर्माण अलाउदीन खिलजी ने 14 वीं सदी में करवाया था इस किले में तपेश्वर महादेव का मंदिर है

गिन्नौरगढ़ का किला

गिन्नौरगढ़ का किला भोपाल से 60 किमी की दूरी पर स्थित है इसका निर्माण उदयवर्मन द्वारा करवाया गया

मण्डला का किला

मण्डला का किला मध्य प्रदेश के मंडला नामक स्थान पर बंजर व नर्मदा नदी के संगम पर स्थित है

मध्य प्रदेश के प्रमुख महल 

हवा महल

यह महल चंदेरी के किले में स्थित है इसका निर्माण प्रतिहार राजा कीर्तिपाल ने 11 वीं सदी में कराया 

बादल महल व इत्रदार महल

इन  महलो का निर्माण राजबसंती ने 16 वीं सदी में रायसेन के किले में कराया था 

नौखंडा महल

यह महल चंदेरी के किले में स्थित है इसका निर्माण कीर्तिपाल ने कराया था 

जहाँगीर महल

इस महल का निर्माण जहाँगीर द्वारा ओरछा के किले में करवाया था 

जय विलास पैलेस

इस महल का निर्माण जीवाजी राव सिंधिया द्वारा ग्वालिअर में किया गया था

गुजरी महल

इस महल का निर्माण राजा मानसिंह द्वारा ग्वालिअर में अपनी प्रेमिका मृगनयनी के लिए करवाया था इसे मोती महल भी कहा जाता है 

मदन महल

यह महल जबलपुर में स्थित है इसका निर्माण गोंड राजा मदन शाह ने 1200 ई. में करवाया था


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 मध्य प्रदेश में कुल 9 राष्ट्रीय उद्यान है जो निम्नलिखित दिए गए है

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 940 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला – मंडला 
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – बाघ, शेर, बारहसिंगा, सांभर, गौर, तेंदुआ, चीतल, वायसेन 

माधव राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 354 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला – शिवपुरी
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा,  मगर सूअर

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 543 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला – पन्ना /छतरपुर 
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – बाघ, सांभर, तेंदुआ, चीतल, भालू, चिंकारा

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 525 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  होशंगाबाद
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – चीतल, सांभर, भालू, बाघ, तेंदुआ, गौर,नीलगाय

पेंच राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 293 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  सिवनी/छिन्दवाड़ा
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, नीलगाय, हिरन, जंगली सूअर

फासिल राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल – 27 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  मंडला 
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – जीवाश्म 

बांधवाड़ा राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 437 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  उमरिया
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, गौर, मुन्जक हिरन

संजय राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 838 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  सीधी
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, नीलगाय, चीतल, चिंकारा

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान 

  • क्षेत्रफल – 445 वर्ग किमी.
  • सम्बंधित जिला –  भोपाल 
  • सम्बंधित वन्य प्राणी – विभिन्न वन्य प्राणी

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मध्य प्रदेश के प्रमुख औधोगिक प्रतिष्ठान, उनकी स्थिति व स्थापना वर्ष निम्नलिखित दिए गए है

  1. कॉटन सीड साल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट , उज्जैन  – 1963-64
  2. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. पिपलानी , भोपाल – 1961 – 62
  3. नेशनल न्यूज़प्रिंट एंड पेपर मिल , नेपानगर (खंडवा) – 1956-57
  4. ग्रे आयरन फाउंड्री कंपनी , जबलपुर
  5. गवर्नमेंट आर्डनेंस फैक्ट्री , खमरिया – 1943-44
  6. गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर – 1943-44
  7. हैवी व्हीकल फैक्ट्री, जबलपुर – 1955
  8. रेलवे कोच फैक्ट्री , भोपाल
  9. करेंसी प्रिंटिंग प्रेस , देवास
  10. सिक्योरिटी पेपर मिल , होशंगाबाद – 1967
  11.  गवर्नमेंट पोस्ट एंड टेलीग्राफ वर्कशॉप, जबलपुर – 1944
  12. एल्कलायड फैक्ट्री , नीमच (मंदसौर) – 1975
  13. हिंदुस्तान कॉपर प्रोजेक्ट, बालाघाट

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धुंआधार जलप्रपात

धुंआधार जलप्रपात मध्यप्रदेश के जबलपुर के निकट नर्मदा नदी पर स्थित है इसकी ऊंचाई लगभग 18 मीटर है इस प्रपात से जब जल नीचे गिरता है तो जल की बूदें धुँए के सामान प्रतीत होती है इसलिए इसे धुंआधार जलप्रपात कहा जाता है

कपिलधारा जलप्रपात

कपिलधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में नर्मदा नदी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 15 मीटर है 

दुग्धधारा जलप्रपात

दुग्धधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में नर्मदा नदी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई भी  लगभग 15 मीटर है इस जल प्रपात का प्राचीन नाम “दुर्वासा धारा” था 

चंचाई जलप्रपात

चंचाई जलप्रपात मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सिरमौर तहसील में स्थित है इसकी ऊंचाई 130 मीटर है 

मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात व उनसे सम्बंधित नदी

  • कपिलधारा जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • धुंआधार जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • मान्धार जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • दरदी जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • दुग्धधारा जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • सहस्रधारा जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • पुनास जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • खड़ा जलप्रपात – नर्मदा नदी 
  • टौंस जलप्रपात – टौंस नदी 
  • भालकुंड जलप्रपात – बेतवा नदी

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 मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले व उनसे सम्बंधित स्थान निम्नलिखित दिए गए है|

  • मेले का नाम –  स्थान 
  • कालूजी महाराज मेला  – खरगौन 
  • शिवरात्रि मेला  – पंचमणि 
  • बाबा शाहबुद्दीन औलिया का उर्स मेला  – नीमच 
  • रामलीला मेला  – भांडेर (ग्वालिअर)
  • मान्धाता मेला  – मान्धाता (खण्डवा)
  • पीर बुधान मेला  – सांवरा गाँव (शिवपुरी)
  • हीरा भूमिया मेला – ग्वालिअर, गुना 
  • जल बिहारी मेला – छतरपुर
  • गरीबनाथ बाबा का मेला – शाजापुर 
  • तेजाजी मेला  – भामावद गाँव (गुना) 
  • जोगेश्वरी देवी मेला – चंदेरी (गुना)
  • सिंगाजी मेला  – पिपल्ल्या गाँव  (खरगौन)
  • बरमान मेला – गाडरवार (नरसिंहपुर)
  • नागाजी मेला  – पोरसा गाँव (मुरैना)
  • माघ घोघरा मेला – सिवनी 
  • चांदी देवी मेला – सीधी 
  • रामजी बाबा मेला – होशंगाबाद
  • काना बाबा का मेला – सोदालपुर ग्राम (होशंगाबाद)

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2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाती की जनसँख्या 113,42,320 है जो प्रदेश की कुल जनसँख्या का 15.6 प्रतिशत है व अनुसूचित जनजाति की जनसँख्या 1,53,16,784 है जो राज्य की कुल जनसँख्या का 21.1 प्रतिशत है  मध्य प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ भील , गोंड, बैगा, कोल, मारिया,  सहरिया , सउर, पनिका, अगरिया, खैरवार आदि है 

मध्य प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ 

गोंड जनजाति

गोंड जनजाति मध्य प्रदेश व भारत की भी सबसे बड़ा जनजातीय समूह है गोंड जनजाति के लोग मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलो में निवास करते है 
गोंड जनजाति की उत्पत्ति प्राक द्रविड़ प्रजाति से मानी जाती है,  गोंड जनजाति के लोगो का रंग काला , सर गोल, होंठ मोटे व नाक बड़ी होती है और स्त्रियाँ पुरुषो की तुलना में कम लंबी होती है 
गोंड जनजाति में बहन की लड़की व भाई के लड़के के मध्य विवाह का प्रचालन है जिसे “दूध लौटावा” कहा जाता है
अगरिया, परधान, सोलहास और नगारची गोंड जनजाति की उप – जातियां है| 

भील जनजाति

भील जनजाति मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी व भारत की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है भील जनजाति के लोग मध्य प्रदेश के झाबुआ, धार और खरगौन जिलो में निवास करते है
भील जनजाति प्रोटो ऑस्ट्रेलायड प्रजाति से सम्बंधित है इनका कद मध्यम छोटा होता है भील जनजाति के पारंपरिक मकानों में खिड़कियाँ नहीं होती है जिन्हें यहाँ “कू” कहा जाता है
बरेला, भिलाला, पटलिया आदि भील जनजाति की उप-जातियां है|

कोल जनजाति

कोल जनजाति मध्य प्रदेश के रीवा और जबलपुर जिलो में निवास करती है इस जनजाति को मुंडारी और कोलेरियन नामो से भी जाना जाता है रोहिया और रोठैल इनकी प्रमुख उप-जातियां है
कोल जनजाति हिन्दू रीति रिवाजो को मानती है इनके प्रमुख देवी-देवता दूल्हा देव, बैरम , बड़े देव आदि है 

मारिया जनजाति

मरिया जनजाति के लोग मध्य प्रदेश के जबलपुर और छिंदवाडा जिलो में निवास करते है , पांडो, भूमिया और भूईहार इनकी प्रमुख उप-जातियां है 
मारिया जनजाति के लोग हिन्दू धर्म को मानते है भीमसेन इनके प्रमुख देवता है

बैगा जनजाति

बैगा जनजाति के लोग मध्य प्रदेश के बालाघाट, मंडला और शहडोल जिलो में निवास करते है नारोतिया, भरोतिया, मैना, बिझवार, नाहर, काढ़ आदि इनकी प्रमुख उप-जातियां है
बैगा जनजाति के लोगो द्वारा विशेष अवसरों पर सुअरों की बलि दी जाती है बैगा जाती के अधिकांस लोग अपने सर के बाक कभी नहीं काटते है|

कोरकू जनजाति

कोरकू जनजाति मध्य प्रदेश के खंडवा, बैतूल, होशंगाबाद और छिंदवाडा जिलो में निवास करती है , मोवासी रूमा, बवारी, बोडोया, नहाला आदि इनकी प्रमुख उप-जातियां है 
कोरकू जनजाति मुख्यतः कृषि पर निर्भर रहती है कोरकू जनजाति मर जिन लोगो के पास अपनी भूमि होती है उन्हें राजकोरकू व अन्य को पोथरिया कोरकू कहा जाता है कोरकू जनजाति भी हिन्दू धर्म को मानती है 

मध्य प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ व उनसे सम्बंधित जिले 

  • भील  –  धार, खंडवा, झाबुआ 
  • गोंड – प्रदेश के सभी जिलो में 
  • कोरकू – खंडवा, बैतूल, होशंगाबाद और छिंदवाडा
  • कोल – रीवा और जबलपुर
  • मरिया – जबलपुर और छिंदवाडा
  • बैगा – बालाघाट, मंडला और शहडोल
  • सहरिया – मुरैना, शिवपुरी और गुना 
  • अगरिया – शहडोल, मंडला, सीधी 
  • सउर – पन्ना , छतरपुर, सागर, दमोह और टीकमगढ़ 
  • परधान – सिवनी, छिंदवाडा, बैतूल, बलाघात 
  • खैरवार – सीधी, छतरपुर, शहडोल और पन्ना

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